OMR Answer Sheet: देश में ऑफलाइन मोड में होने वाली विभिन्न परीक्षाओं और सर्वे में भरने के लिए OMR Sheet दी जाती है. मशीनों के माध्यम से इनकी जांच की जाती है. क्या आपको पता है यह क्या होती है और इनकी जांच कैसे की जाती है. अगर नहीं, तो इस लेख में हम यही जानने वाले है..
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क || भारत में हर साल करोड़ों युवा प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेते है. इन प्रतियोगी परीक्षाओं में से ऑफलाइन मोड में होने वाली परीक्षाओं में OMR Sheet के माध्यम से परीक्षा ली जाती है. इतना ही नहीं इंजीनियरिंग, मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं और कई राज्यों की स्कूली बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन भी OMR Answer Sheet माध्यम से किया जाता है. इन सबसे के अलावा चुनाव या अन्य प्रकार के सर्वे में भी OMR का इस्तेमाल किया जाता है. इतना इस्तेमाल के बाद भी क्या आपको इस शीट का मतलब नहीं पता है. अगर नहीं, तो इस लेख में यही जानेंगे यह शीट क्या है और यह कैसे काम करती है?
Optical Marking Recognition यानी OMR शीट विशेष रूप से तैयार OMR Reader मशीन के माध्यम से स्कैन (चेक) की जाती है. इस तरह की शीट का इस्तेमाल विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं, चुनाव, सर्वे, बैंकिंग व बीमा आवेदन, फीडबैक और मूल्यांकन फॉर्म में किया जाता है. इसमें छोटे-छोटे बिंदु होते हैं, जिन्हें पेन की मदद से भरा जाता है.
OMR Sheet का फायदा
इस तरह की शीट का प्रमुख फायदा यह है कि, सिर्फ कुछ ही सेकेंड में एक कॉपी की जांच हो जाती है. जिस कारण कम से कम समय में अधिक कॉपियां चेक हो जाती है. इसी वजह से समय पर परीक्षाओं के परिणाम जारी किए जा सकते हैं. वहीं पहले ओएमआर शीट को बनाने में एक विशेष इंक और पेपर का इस्तेमाल किया जाता था, जिस वजह से इसके निर्माण में अधिक लागत आती थी. लेकिन अब बढ़ती तकनीक के साथ इसके बदलते फॉर्मेट में कम लागत आती है.
OMR Answer Test Sheet का नुकसान
ओएमआर शीट को बड़ी सावधानी से भरना पड़ता है. अगर किसी गलत बिंदु पर मार्क कर दिया, तो पूरा ही डाटा गलत हो जाता है. जबकि ओएमआर शीट सिर्फ बहुविकल्पीय प्रश्नों में ही उपयोगी है.
कैसे होती है जांच
ओएमआर शीट भरने के बाद इसकी जांच के लिए विशेष OMR मशीन का इस्तेमाल किया जाता है. इस OMR मशीन के माध्यम से शीट पर एक लाइट डाली जाती है, जो रिफ्लैक्ट होकर वापस मशीन में आती है. जहां बिंदुओं को पेन से भरा गया होता है, वहां से मशीन में कम लाइट आती है. जबकि उस जगह को मार्क कर लिया जाता है. इस माध्यम से मशीन को शीट जांच करने में मदद मिलती है.