Mughal Emperor Akbar: अकबर को मुगल भारत का सबसे प्रसिद्ध शासक माना जाता है, उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान कई अहम बदलाव किए थे. इसके अलावा अकबर के दरबार में नवरत्न मैजूद थे, जो उन्हें आर्थिक, न्यायिक, धार्मिक और सामाजिक मामलों में सलाह देने का काम करते थे.
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क || जब-जब अकबर (Mughal Emperor Akbar) का जिक्र होता है, तो उनके दरबार के नवरत्नों के बिना अकबर की कहानी अधूरी मानी जाती है. अकबर के नवरत्नों में राजा बीरबल, तानसेन, मुल्ला दो प्याजा, राजा टोडर मल, अबुल फजल, फैजी, राजा मान सिंह, फकीर अजियाओ-दीन और अब्दुल रहीम खान-ए-खाना शामिल थे. इस लेख के माध्यम से हम अकबर के नवरत्न और उनकी उपाधि के बारे में जानने वाले है..
1.राजा बीरबल
इनका असली नाम महेशदास था और जलालउद्दीन मोहम्मद अकबर ने उन्हें राजा बीरबल का नाम दिया था. राजा बीरबल अकबर के मुगल दरबार में सैन्य और प्रशासनिक सेवाएं देते थे. बीरबल फारसी, संस्कृत और हिन्दी भाषाओं के ज्ञाता थे. उत्तर-पश्चिम भारत में युद्ध के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी.
2. तानसेन
तानसेन के बचपन का नाम रामतनु नाम था और शुरूआती दिनों में उन्होंने स्वामी हरिदास एवं बाद में हजरत मुहम्मद गौस से संगीत सिखा था. उन्होंने संगीत पर दो पुस्तकें: श्री गणेश स्तोत्र और संगीता सारा लिखी थी. तानसेन अकबर के दरबार में एक संगीतकार थे और उन्होंने कई नए रागों की रचना की थी.
3. मुल्ला दो-प्याजा
मुल्ला दो-प्याजा अकबर के दरबार में सलाहकार के रूप में कार्य करते थे.
4. अबुल फजल
इनका नाम शेख अबू अल-फ़ज़ल इब्न मुबारक था, लेकिन उन्हें ‘अबू-अल-फजल अल्लामी’ के नाम से भी जाना जाता था. इन्होने बाइबिल का फारसी भाषा में अनुवाद किया था. वहीं वह अकबरनामा और आईन-ए-अकबरी के लेखक थे.
5. राजा मान सिंह
अकबर के ससुर भारमल के पोते राजा मान सिंह अंबर के राजा और अकबर की सेना में सेनापति थे. मान सिंह ने महाराणा प्रताप के खिलाफ ‘ हल्दीघाटी’ के ऐतिहासिक युद्ध सहित कई लड़ाइयां लड़ीं है.
6. अब्दुल रहीम खान-ए-खाना
अब्दुल रहीम खान-ए-खाना अकबर के भरोसेमंद संरक्षक बैरम खान के पुत्र थे.
7. राजा टोडर मल
राजा टोडर मल, अकबर के शासन (Mughal Emperor Akbar) में मुगल साम्राज्य के वित्त मंत्री थे. उन्होंने मानक बाट और माप, एक भूमि सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त प्रणाली की शुरुआत की थी. आज के समय में भी भारत में राजा टोडर मल द्वारा बनाई पटवारी द्वारा रखरखाव की प्रणाली को सुधार के साथ स्वीकार लागु किया गया है.
8. फैजी
फैजी का असली नाम शेख अबू अल-फ़ैज़ इब्न मुबारक था. फैजी, अबुल फ़ज़ल के भाई और एक कवि पुरस्कार विजेता थे. उन्हें अकबर द्वारा मलिक-उश-शुअरा (दरबारी कवि) का दर्जा प्राप्त था. फैजी ने “लीलावती” का फारसी में अनुवाद किया था.
9. फकीर अजिआओ-दीन
अजिआओ-दीन एक सूफी फकीर और सलाहकार थे. वह धार्मिक मामलों में अकबर को सलाह देते थे.