सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Siddiqui Kappan) को जमानत दे दी है. इन्हें हाथरस केस के दौरान युपी पुलिस ने शांति बिगाड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
नई दिल्ली || सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Siddiqui Kappan) को जमानत दे दी. कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2020 में हाथरस (उत्तर प्रदेश) जाते समय गिरफ्तार किया था. वो 19 वर्षीय दलित लड़की के कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या को कवर करने जा रहे थे.
5 अक्टूबर, 2020 को हाथरस कांड को कवर करने जा रहे सिद्दीकी कप्पन और 2 अन्य को उनके ड्राइवर सहित उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पहले पुलिस ने उन्हें शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. लेकिन बाद में उन पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत सांप्रदायिक दंगे भड़काने और सामाजिक सद्भाव को बाधित आरोप लगाया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, “कप्पन को 3 दिनों में निचली अदालत में पेश किया जाए. वहीं सिद्दीकी कप्पन को 6 सप्ताह दिल्ली में ही रहना होगा, उसके बाद वो केरल शिफ्ट हो सकते हैं.”
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि, “प्रत्येक व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है और वो यह बताने का प्रयास कर रहा था, पीड़ित को न्याय की जरूरत है. हमें बताए क्या यह कानून की नजर में अपराध है?”
शुक्रवार यानी आज हुई सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार के अधिवक्ता महेश जेठमलानी को 2011 में निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले में इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शनों की याद दिलाते हुए कहा कि, “कभी-कभी बदलाव लाने के लिए विरोध आवश्यक होता है. 2011 के विरोध प्रदर्शनों के बाद ही कानूनों में बदलाव हुए थे.”
जमानत याचिका का विरोध उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि, “पत्रकार कप्पन के PFI/CFI के साथ गहरे संबंध हैं और यह धार्मिक कलह को भड़काने और आतंक फैलाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है.”