Lok Sabha Election 2024: चुनाव परिणामों में PM मोदी के ‘अबकी बार 400 पार’ के नारे के विपरीत रिजल्ट देखने मिला है. मतगणना में बीजेपी 272 के आंकड़े से बहुत दूर है. लेकिन NDA गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला है.

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क || Lok Sabha Election Result 2024: 1 जून को एग्जिट पोल सामने आने के बाद अनुमान लगाए जा रहे थे लोकसभा चुनाव 2024 में BJP और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को प्रचंड बहुमत मिलेगा. लगभग सभी एग्जिट पोल्स ने NDA को 350 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान लगाया था. लेकिन आज (6 जून को) आए नतीजों में NDA को 350 सीटें मिलना तो दूर की बात यहां बीजेपी को पूर्ण बहुमत भी नहीं मिला.
मतगणना के बाद बीजेपी और उसके गठबंधन NDA को बड़ा झटका लगा है. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और राजस्थान में बीजेपी अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने में असफल रही है. वहीं कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित कई अन्य विपक्षी दलों ने जबरदस्त वापसी की है. आइए जानते हैं वो 5 प्रमुख कारण जिनकी वजह से BJP का खेल अधूरा रह गया.
1. केवल मोदी मैजिक का सहारा
अगर लोकसभा चुनाव के प्रचार को देखा जाए तो BJP और NDA ने यह चुनाव केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा है. प्रचार के दौरान NDA गठबंधन के नेता चुनावी रैलियों और सभाओं में स्थानीय मुद्दों पर बात करने से बचते नजर आए. NDA का पूरा प्रचार पीएम मोदी के इर्द-गिर्द घूमता नजर आया और उनके करिश्मे पर टिका था. स्थानीय मुद्दों पर बीजेपी प्रत्याशी और कार्यकर्ता आम लोगों से कनेक्ट नहीं हो पाए, जिसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में भुगतना पड़ा. वहीं दूसरी ओर विपक्ष लगातार महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को टारगेट कर रहा था.
2. स्थानीय नाराजगी
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ा नुकसान स्थानीय स्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी से भी उठाया पड़ा है. कई लोकसभा सीटों पर टिकट बंटवारे की नाराजगी मतदान के दिन तक भी दूर नहीं हुई. इसके अलावा कुछ सीटों पर बीजेपी को स्वर्ण मतदाताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ा है.
3. अपने ही वोटर्स की नाराजगी
चुनाव के परिणाम साफतौर पर इस बात का संकेत दे रहे हैं कि, अग्निवीर और पेपर लीक जैसे कई बड़े मुद्दों पर BJP को अपने ही वोटर्स की नाराजगी झेलनी पड़ी है. अग्निवीर स्कीम की वजह से वोटर्स को सोचने पर मजबूर कर दिया कि, आखिर आर्मी में 4 साल की नौकरी के बाद बच्चों का भविष्य क्या होगा? युवा पेपर लीक जैसे मुद्दे पर बीजेपी बेहद नाराज है. लखनऊ में UP पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक पर हुआ भारी विरोध प्रदर्शन इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.
4. बेरोजगारी
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि, 2024 लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी का मुद्दा बहुत बड़ा फैक्टर रहा है. विपक्ष ने हर छोटे-बड़े मंच से बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार से जवाब मांगा. यहां तक कि, कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में 30 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया. चुनाव नतीजों से यह स्पष्ट हो गया है कि, राम मंदिर, CAA और यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे मुद्दे भी बीजेपी को नुकसान से नहीं बचा सके.
5. महंगाई
बीजेपी नेता भी इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि, महंगाई के मुद्दे का लोकसभा चुनाव पर गहरा प्रभाव डाला है. गैस, पेट्रोल-डीजल और खाने-पीने जैसी चीजों पर लगातार बढ़ती महंगाई ने मोदी सरकार के खिलाफ जबरदस्त माहौल बनाया है. विपक्ष ने महंगाई के मुद्दे को भांप लिया और हर रैली में इस मुद्दे को जमकर भुनाया. कई मौकों पर राहुल गांधी ने बढ़ती महंगाई के लिए मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया था. वहीं महंगाई के मुद्दे पर बीजेपी नेता केवल आश्वासन देते नजर आए.
PM मोदी के चेहरे और कुछ राष्ट्रीय मुद्दों को छोड़कर बीजेपी आम जनता से जुड़े मुद्दों से कोसों दूर रही है.
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