विजयादशमी (दशहरे) के अवसर पर RSS प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने अपने संबोधन में नई शिक्षा नीति और जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बात की है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय में हुए इस कार्यक्रम में दो बार माउंट एवरेस्ट फतेह संतोष यादव मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थी.
नागपुर, महाराष्ट्र || RSS मुख्यालय में विजयादशमी पर मौके पर शस्त्र पूजा के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि, “देश को जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता है, इसके अलावा धार्मिक आधार पर जनसंख्या संतुलन भी महत्वपूर्ण है. अगर इसको लेकर उठाए गए नहीं गए तो भारत में जनता के बीच धर्मों को लेकर असंतुलन पैदा हो सकता है.” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari), महाराष्ट्र के डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस और पर्वतारोही संतोष यादव मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थी. RSS के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई महिला शस्त्र पूजा के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यालय पहुंची हो.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि, “जनसंख्या कानून को सोच-विचार के बाद तैयार किया जाए और यह सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू हो. देश की जनसंख्या जितनी अधिक होगी, उतना ही देश पर बोझ बढ़ेगा. अब हमको भी इस पर विचार करना होगा कि, हिंदुस्तान 50 सालों के बाद कितने लोगों को खिला और झेल सकता है इसलिए जनसंख्या नियंत्रण पर एक कानून बने. धर्म आधारित जनसंख्या असंतुलन ऐसा विषय है, जिसको अनदेखा नहीं किया जा सकता. जनसंख्या असंतुलन से भौगोलिक सीमाओं में परिवर्तन होता है.”
Mohan Bhagwat: शक्ति शांति का आधार- RSS प्रमुख
वहीं मोहन भागवत ने अपने महिलाओं को लेकर कहा कि, “हमें महिलाओं के साथ समानता का व्यवहार करने एवं उन्हें अपने निर्णय स्वयं लेने की स्वतंत्रता देने की आवश्यकता है. जो काम मातृ शक्ति कर सकती है वह काम पुरुष नहीं कर सकते, इतनी उनकी शक्ति है.”
वहीं नई शिक्षा नीति (Education Policy) को लेकर भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि, “नई शिक्षा नीति युवाओं को अच्छा इंसान बनाने और उनमें देशभक्ति की भावना पैदा करने में मदद करेंगी. यह सबसे बड़ा झूठ है कि, एक अच्छे करियर के लिए अंग्रेजी सबसे महत्वपूर्ण है. हम सबको नई शिक्षा नीति का समर्थन करने की आवश्यकता है.”
संघ प्रमुख ने कहा कि, “कोरोना महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था सामान्य हो रही है. विश्व के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि, आने वाले समय में यह और भी ज्यादा अच्छा करेगी. वहीं खेलों में भी हमारे खिलाड़ी देश पूरी दुनिया में छाए हुए है.”