Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा आज, जानें इसका महत्व, पूजन विधि और शुभ महूर्त

Share

Guru Purnima 2023: इस वर्ष 3 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जाएगा. मानव जाति के प्रति महर्षि वेदव्यास के योगदान के लिए उन्हें प्रथम गुरु का दर्जा दिया गया है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने का खास महत्व है.

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क || आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का पावन पर्व मनाया जाता है. इस साल यह पर्व (Guru Purnima 2023) 3 जुलाई को मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत के रचयिता और चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. उनके योगदान के कारण उनके जन्मदिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है, महर्षि वेद व्यास ने ही मानव जाति को पहली बार चारों वेदों का ज्ञान दिया था. वहीं कुछ अन्य मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर भगवान शिव ने दक्षिणामूर्ति का रूप धारण कर भगवान ब्रह्मा के चार मानसपुत्रों को वेदों का अंतिम ज्ञान प्रदान किया था.

वहीं संस्कृत में ‘गु’ का अर्थ अंधकार या मूल अज्ञान और ‘रु’ का अर्थ है निरोधक. इसलिए गुरु शब्द का अर्थ है- अंधकार को मिटाने वाला. हिंदू धर्म में गुरु को देवताओँ के समान माना जाता है. गुरु की कृपा के बिना आप कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकते, वहीं सद्गुरु की कृपा से भगवान की प्राप्ति भी संभव है.

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः |
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ||

Related Post

इसका अर्थ है: गुरु सृष्टि के रचियता ब्रह्मा है, गुरु सृष्टि के पालक विष्णु जी और गुरु ही सृष्टि के संहारक महादेव शिव भी हैं. गुरु साक्षात पूर्ण ब्रह्म हैं जिनको बार-बार अभिवादन या है नमस्कार.

Guru Purnima 2023 Shubh Muhurat: शुभ महूर्त

  • पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 02 जुलाई, 2023 रात 8 बजकर 21 मिनट से
  • पूर्णिमा तिथि का समापन: 03 जुलाई, 2023 शाम 5 बजकर 08 मिनट तक

जिसके कारण गुरु पूर्णिमा का पर्व 03 जुलाई को मनाया जाएगा और इस दिन पूजा करना शुभ फलदायी होगा.

Guru Purnima 2023 Pujan Vidhi: गुरु पुर्णिमा पूजन विधि

  • सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करें और स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहने.
  • घर की उत्तर दिशा में एक सफेद कपड़ा बिछाकर वेदव्यास जी और भगवान ब्रह्मा, श्री हरि विष्णु एवं महादेव शिव की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें.
  • महर्षि वेदव्यास को रोली, चंदन, फूल, फल और प्रसाद आदि अर्पित करें और देवताओं को फूल और माला चढ़ाएं.
  • गुरु मंत्र का जाप करने के बाद आरती करें और उन सभी सार्थक पाठों के लिए गुरुओं को धन्यवाद दें, जो आपने उनसे प्राप्त किये है.
  • अपने माता-पिता, बड़े भाई-बहन और गुरुजनों का आशीर्वाद लें.

वहीं इस दिन उपवास करने वाले लोगों को नमक, अनाज और दालें खाने से परहेज करना चाहिए. जबकि अन्य सभी लोगों को मांसाहारी या तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए.

Edited By: SANDEEP PANCHAL

SPTVNEWS को फॉलो करें और खबरों से अपडेट रहे.
Sandeep Panchal: Sandeep Panchal, a 23-year-old content wizard. Sandeep's writing has graced platforms like Hindi Khabar, R9 Bhojpuri, and PTC Punjabi, showcasing a diverse range of talents and a deep love for the HINDI language. Explore the world of words with Sandeep Panchal.