Jagannath Rath Yatra 2024: 10 दिन तक चलने वाली भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा आज से शुरू हो गई है. इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ गुंडीचा मंदिर की तरफ प्रस्थान करते हैं.
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क || Jagannath Rath Yatra 2024: उड़ीसा के पुरी में हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से आयोजित होने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आज से शुरू हो रही है. रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ दशमी तिथि तक जन सामान्य के बीच रहते हैं. 10 दिन चलने वाली इस यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई और बहन के साथ रथ पर विराजकर गुंडीचा मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं. ऐसा मान्यता है कि, श्री जगन्नाथ रथ यात्रा का दर्शन मात्र से 1000 यज्ञों का पुण्य प्राप्त हो जाता है. आइए जानते है रथ यात्रा का पूरा शेड्यूल-
श्री जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान सबसे आगे ताल ध्वज रथ पर श्री बलराम जी चलते हैं. उनके पीछे पद्म ध्वज रथ पर माता सुभद्रा और सुदर्शन चक्र होते हैं. अंत में भगवान श्री जगन्नाथ जी गरुण ध्वज रथ पर सबसे पीछे चलते हैं. स्कंद पुराण के अनुसार, जो इंसान रथ यात्रा में शामिल होकर भगवान जगन्नाथ जी का कीर्तन करता हुआ गुंडीचा नगर तक जाता है, उसे मोक्ष प्राप्त हो जाता है. रथ यात्रा में शामिल होने वाले और भगवान के नाम का कीर्तन करने वाले व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
Jagannath Rath Yatra 2024: घर में कैसे करें महाप्रभु की पूजा?
जो लोग पुरी की रथ यात्रा में नहीं सकते, वो घर में ही महाप्रभु जगन्नाथ (Mahaprabhu Jagannatha) की उपासना कर सकते हैं. घर के पूजा स्थान पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा जी की प्रतिकृति (प्रतिमा-मूर्ति) स्थापित करें. सात्विक भोग में तुलसी दल डालकर भगवान जगन्नाथ भोग लगाएं. इसके बाद श्री जगन्नाथ जी की स्तुति करें या हरि नाम और महामंत्र का कीर्तन करें. इसके अलावा में पूरी तरह सात्विकता बनाए रखें.
Jagannath Rath Yatra 2024: महाप्रभु का महाप्रसाद
भगवान जगन्नाथ को एक दिन में छह बार महाप्रसाद चढ़ाया जाता है. भोजन में सात प्रकार के चावल, चार विभिन्न प्रकार की दालें, नौ विभिन्न प्रकार की सब्जियां और कई तरह की मिठाइयां परोसी जाती हैं. मीठे व्यंजन बनाने के लिए यहां अच्छे किस्म के गुड़ प्रयोग किया जाता है. वहीं मंदिर में आलू, फूलगोभी और टमाटर का उपयोग नहीं किया जाता.
Jagannath Rath Yatra का संभावित कार्यक्रम
7 जुलाई 2024, रविवार
पहले दिन दोपहर के समय महाप्रभु जगन्नाथ, बलराम जी और देवी सुभद्रा को एक-एक कर मंदिर से बाहर लाया जाएगा और फिर पुरी के शंकराचार्य रथ की पूजा करेंगे. इसके बाद रथ यात्रा से जुड़ी सबसे प्रसिद्ध रस्म ‘छेरा पहरा’ की होगी. इसमें उड़ीसा के महाराज गजपति तीनों देवी-देवताओं और रथों के चारों तरफ सोने की झाड़ू से सफाई करेंगे. इस झाड़ू से रथ का मंडप और फिर रथ के लिए रास्ता साफ किया जाएगा. शाम के समय तीनों रथों को खींचना शुरू करेंगे.
8 जुलाई 2024, सोमवार
8 जुलाई यानी सोमवार सुबह रथ को आगे बढ़ाया जाएगा. इसी दिन तीनों रथ गुंडीचा मंदिर पहुंचेंगे. पुरी मंदिर के एक अधिकारी के अनुसार, अगर किसी भी वजह से देरी होती है तो रथ मंगलवार को मंदिर पहुंचेंगे.
8 से 15 जुलाई 2024 तक
रथ गुंडिचा मंदिर में रहेंगे और यहां सदियों से चल रही परंपरा के अनुसार, भगवान श्री जगन्नाथ, बलराम जी और देवी सुभद्रा के लिए कई प्रकार के पकवान बनाए जाएगें.
मंगलवार, 16 जुलाई 2024
16 जुलाई श्री जगन्नाथ रथ यात्रा का समापन होगा और तीनों देवी-देवता वापस लौट आएंगे.
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