Mahashivratri 2023: देशभर में आज यानी 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन हमे कुछ ऐसे कार्य करने से बचना चाहिए, जिनकी वजह से भगवान भोलेनाथ रुष्ट हो सकते है..
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क || हर वर्ष फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है. इस बार यह पावन पर्व आज यानी 18 फरवरी को मनाया जा रहा है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. जिस कारण महादेव की उपासना के लिए यह सर्वोच्च दिन है. महाशिवरात्रि पर स्नान किए बगैर कुछ भी नहीं खाना चाहिए.
महाशिवरात्रि के व्रत में दाल, चावल या गेहूं से बने किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए. व्रत में भक्तजन दूध या फलों का सेवन कर सकते हैं. व्रत करने वाले भक्तों को सूर्यास्त के बाद कुछ भी ना खाएं. इसके अलावा इस दिन व्रत करने वाले लोगों को कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए. आइए जानते हैं महाशिवरात्रि के दिन कौन कार्य नहीं करने चाहिए..
- टूटे हुए बेलपत्र और केतकी के फूल ना चढ़ाएं
महादेव की पूजा करते समय शिवलिंग पर भूलकर भी टूटे या कटे-फटे बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए. वहीं महादेव की पूजा के समय शिव को केतकी और चंपा फूल अर्पित नहीं करने चाहिए. क्योंकि इन फूलों को भगवान शिव से शापित किया था.
- टूटे हुए अक्षत/चावल
भगवान भोलेनाथ की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए अक्षत नहीं रखने चाहिए. अक्षत का अर्थ है अटूट चावल, यह पूर्णता का स्वरूप है. इसलिए भगवान को अक्षत अर्पित करते समय यह ध्यान रखे चावल टूटे हुए ना हो..
- काले कपड़ों से बचें
महाशिवरात्रि के दिन काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ समझा जाता है. इसके अलावा शिवलिंग पर चढ़ाए प्रसाद को भी ग्रहण नहीं करना चाहिए. ऐसा माना जाता है, इसे करने से दुर्भाग्य आता है और से धन हानि भी हो सकती हैं.
- कुमकुम न चढ़ाएं
भक्तों को शिवलिंग पर कभी भी कुमकुम का तिलक नहीं लगाना चाहिए. महाशिवरात्रि पर महादेव को चंदन का टीका लगा सकते हैं. जबकि भक्त माता पार्वती और गणेश जी की मूर्ति पर कुमकुम का टीका लगा सकते हैं.
- रात में न सोएं
शिवरात्रि (Mahashivratri 2023) के पर्व पर सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए और रात में जागरण करते हुए, भगवान शिव के भजन सुनें और आरती करें. शिवरात्रि व्रत की अगली सुबह स्नान करने के बाद शिवजी को तिलक लगाकर व्रत खोला जा सकता है.
ॐ नम: शिवाय
Disclaimer: यह जानकारी केवल धार्मिक और सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. SPTVNews.com किसी भी तरह की मान्यता की पुष्टि नहीं करता है.