नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क || सनातन धर्म में माथे पर तिलक (Tilak) लगाना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. हिंदू परंपरा में बिना तिलक लगाए कोई भी पूजा संपन्न नहीं होती है और ना पूजा करने की अनुमति होती है. तिलक दोनों भौहों के बीच में अपने कंठ या नाभि पर लगाया जाता है. तिलक लगाने से स्वास्थ्य, मन को एकाग्र करने में बहुत मदद मिलती है. तिलक के द्वारा ये भी पता लगाया जा सकता है कि, आप किस संप्रदाय से संबंध रखते हैं.
Types of Tilak: तिलक लगाने का लाभ
- चंदन का तिलक लगाने से एकाग्रता बढ़ती है.
- अष्टगंध का तिलक लगाने से विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होती है.
- रोली और कुमकुम का तिलक लगाने से आलस्य दूर होता है.
- केसर का तिलक लगाने से यश बढ़ता है.
- गोरोचन का तिलक लगाने से विजय की प्राप्ति होती है.
Tilak Lgane ke Niyam: तिलक लगाने का नियम
- बिना स्नान किए कभी भी तिलक ना लगाएं.
- पहले अपने ईष्ट देव या भगवान को और फिर स्वयं को तिलक लगाएं.
- अपने आप को अनामिका और दूसरे को अंगूठे से तिलक लगाना चाहिए.
Tilak Pujan Rules: ग्रहों को मजबूत करने के लिए लगाएं तिलक
- सूर्य: अनामिका अंगुली से लाल चंदन का तिलक लगाएं.
- चंद्रमा: कनिष्ठा अंगुली से सफेद चंदन का तिलक लगाएं.
- मंगल: अनामिका अंगुली से नारंगी सिंदूर का तिलक लगाएं.
- बुध: कनिष्ठा अंगुली से अष्टगंध का तिलक लगाएं.
- बृहस्पति: तर्जनी अंगुली से केसर का तिलक लगाएं.
Tilak Significance: विजय और शक्ति के लिए बनायें तिलक
लाल चन्दन घिसने के बाद इसे चांदी के या शीशे के पात्र में रखें. इसको देवी के सामने रख “ॐ दुं दुर्गाय नमः” का 27 बार जाप करें. इसके बाद चन्दन को देवी के चरणों में लगाएं.
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