WHO के अलर्ट के बाद हरियाणा सरकार ने सोनीपत में मेडेन फार्मास्यूटिकल (Maiden Pharma) कंपनी की जांच की है. जांच में कमियां मिलने के बाद सरकार ने कंपनी की पूरी प्रोडक्शन पर रोक लगा दी है.
डेस्क || मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (Maiden Pharma) के कफ सिरप गड़बड़ियां मिलने के बाद हरियाणा सरकार ने कफ सिरप के उत्पादन पर रोक लगा दी है. स्टेट ड्रग अथॉरिटी (State Drug Authority, Haryana) को सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स में कई गड़बड़ियां मिलने के बाद राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है. वहीं कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसमें सरकार ने पूछा गया है कि, लाइसेंस क्यों न निरस्त किया जाए. इस नोटिस का जवाब कंपनी को सात दिन में देना होगा. जबकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने बताया कि, “मेडेन फार्मास्युटिकल से इकट्ठा किए सैंपल को कोलकाता सेंट्रल ड्रग लैब भेजा गया है. सेंट्रल ड्रग लैब कि रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई होगी.”
स्टेट ड्रग अथॉरिटी ने नोटिस में कहा है कि, “मेडेन फार्मास्युटिकल्स ने 4 कफ सिरप के लिए प्रक्रिया का सत्यापन नहीं किया है.” इसके अलावा स्टेट ड्रग अथॉरिटी की रिपोर्ट में उत्पाद की शेल्फ लाइफ, बैच नंबर और उत्पाद के रखरखाव को लेकर सवाल उठाए गए हैं.
आख़िर क्या है मामला?
WHO ने एक सप्ताह पहले भारतीय कंपनी मेडेन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के चार कफ सीरप को लेकर अलर्ट जारी किया था. WHO के अनुसार, कंपनी के कोल्ड-कफ सीरप गाम्बिया (Gambia Deaths) में हुई 66 लोगों की मौत और गुर्दे की दिक्कतों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. इन सीरप में डाइथीलीन ग्लाइकोल (Diethylene Glycol) और एथिलीन ग्लाइकोल (Ethylene Glycol) की बहुत ज्यादा मात्रा मिली है, जो किसी भी इंसान के लिए खतरनाक है. इन 4 कफ सिरप के नाम मकॉफ बेबी कफ सिरप, प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप हैं.
वियतनाम ने किया था ब्लैकलिस्ट
ऐसा पहली बार नहीं है, जब मेडेन फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड की दवाओं को विवाद हुआ हो. इससे पहले वियतनाम सरकार ने निम्न स्तर की दवा सप्लाई करने पर मेडेन फार्मास्युटिकल्स को ब्लैकलिस्ट कर दिया था.