हरियाणा और पंजाब के बीच जारी सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर मामला सुलझता नजर नहीं आ रहा है. बुधवार यानी आज दोपहर हुई पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की बैठक भी बेनतीजा रही है.
नई दिल्ली, डेस्क || केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) की अध्यक्षता में सतलुज यमुना लिंक (SYL) के मसले पर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की बैठक भी बेनतीजा रही है. हरियाणा के मुख्यमंत्री का कहना है कि, “पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी नहीं मान रही है, जिसमें पंजाब सरकार द्वारा 2004 में लाए गए एक्ट को रद्द कर दिया गया था.” वहीं पंजाब CM भगवंत मान का कहना है कि, “2004 का एक्ट अभी भी मौजूद है.”
दिल्ली के श्रम शक्ति भवन में हुई इस मीटिंग के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि, “दोनों राज्यों के बीच हुई यह बैठक भी बेनतीजा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही एसवाईएल (SYL) नहर के निर्माण को लेकर फैसला जारी कर चुका है. लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री और अधिकारियों की टीम इस विषय को एजेंडे पर भी लाना चाहती है. पंजाब बार-बार पानी नहीं होने की बात कह रहा है और पानी के बंटवारे पर बात करने को कह रहे हैं. जबकि पानी बंटवारे के लिए अलग से ट्रिब्यूनल बनाया गया है. ट्रिब्यूनल के हिसाब से जो सिफारिश होगी दोनों राज्य उस आधार पर पानी बांट लेंगे.”
मनोहर लाल खट्टर ने स्पष्ट किया कि, ‘SYL हरियाणावासियों का हक है और राज्य के लिए नहर का पानी बेहद जरूरी है. अब इस मामले में एक टाइम लाइन तय होनी चाहिए, ताकि हरियाणा के किसानों को पानी मिल सके.’
पंजाब के पानी पर पंजाब का अधिकार- पंजाब BJP अध्यक्ष
वहीं इस मुद्दे पर पंजाब बीजेपी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि, “भारतीय राईपेरीयन कानून के तहत पंजाब का पानी सिर्फ पंजाब का है, इसलिए इस पानी पर सिर्फ पंजाब का अधिकार है. पंजाब के पास किसी अन्य राज्य को देने के लिए फालतू पानी नहीं है. आज पंजाब को करीब 550 लाख एकड़ फुट पानी की आवश्यकता है, जबकि पंजाब को केवल 1.25 लाख एकड़ फुट पानी मिल रहा है”