Nobel Prize 2022: चिकित्सा क्षेत्र में स्वांते पैबो को मिला नोबेल प्राइज, इंसानों-पूर्वजों पर किया है रिसर्च

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Nobel Prize 2022: चिकित्सा क्षेत्र में जीनोम सिक्वेंसिंग पर रिसर्च के लिए स्वांते पैबो (Svante Paabo) को नोबेल प्राइज मिला है. स्वांते पैबो के पिता बायोकेमिस्ट सुने बर्गस्ट्राज्म (Sune Bergström) को 1982 में नोबेल पुरस्कार मिला था.

नई दिल्ली, डेस्क || चिकित्सा क्षेत्र में रिसर्च के लिए वैज्ञानिक स्वांते पैबो (Svante Paabo) को नोबेल कमेटी ने नोबल पुरस्कार (Nobel Prize 2022) से सम्मानित किया है. पीएचडी डिग्री धारक स्वांते पैबो ने विलुप्त मानव प्रजाति और मानव उत्पत्ति पर रिसर्च की है. नोबेल पुरस्कार कमेटी सेक्रेटरी थामस पर्लमन ने आज यानी सोमवार को इसकी जानकारी दी है. सबसे बड़े नोबेल पुरस्कार के तहत 10 मिलियन क्रोनर यानी लगभग 8.5 भारतीय करोड़ रुपये दिए जाएगें. पिछले साल चिकित्सा क्षेत्र में नोबल पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिक डेविड जुलियस (David Julius) और आर्डम पैटापोशन (Ardem Patapoutian) को दिया गया था. इन्होंने मानव त्वचा में रिसेप्टर की खोज की थी.

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1901 में स्वीडन के उद्योगपति अल्फ्रेड नोबल की 5वीं पुण्यतिथि पर नोबल प्राइज की शुरुआत की गई थी. पहले पुरस्कार साहित्य, शांति और विज्ञान दिया जाता था. इसके बाद आर्थिक क्षेत्र में भी नोबल प्राइज की शुरुआत की गई.

Nobel Prize 2022 – Svante Paabo: कौन हैं स्वांते पैबो?

स्वीडन के स्टॉकहोम में जन्मे स्वांते पैबो की माँ एस्टोनिया कैरिन पैबो केमिस्ट हैं और उनके पिता प्रसिद्ध बायोकेमिस्ट सुने बर्गस्ट्रॉम हैं. जिन्हें 1982 में  जॉन R वेन और बैंग्ट आई सैमुअलसन के साथ चिकित्सा के नोबेल से नवाजा गया था. उन्होंने E-19 प्रोटीन और एडिनोवायरस से जुड़े विषय में 1986 में उपसला यूनिवर्सिटी से पीएचडी (PHD) की डिग्री प्राप्त की थी.

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