Joshimath Sinking: प्रधानमंत्री कार्यालय से एक टीम जोशीमठ के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंची थी. इस संबंध में चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जानकारी दी है.
नई दिल्ली, डेस्क || रविवार को प्रधानमंत्री ऑफिस से एक टीम उत्तराखंड के चमोली पहुंची है. इस दौरान टीम ने जोशीमठ के आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थिति का निरीक्षण किया. इससे पहले राज्य आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया था. इस दौरान उनका कहना था कि, “दरारों में वृद्धि हुई है लेकिन किसी भी नए क्षेत्र को नुकसान नहीं हुआ है.” इसके अलावा राज्य सरकार की टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रही हैं.
पीएमओ टीम के दौरे के बाद चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि, “मंगेश घिल्डियाल के नेतृत्व में एक टीम प्रधानमंत्री ऑफिस से जोशीमठ के प्रभावित इलाकों का दौरा करने आई थी.” आपको बता दे, वैज्ञानिकों और अन्य विशेषज्ञों की टीमें लगातार जोशीमठ के भू-धंसाव से प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही है. जबकि प्रधानमंत्री मोदी खुद पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. वहीं जोशीमठ में जारी भू-धंसाव के कारण एशिया की बड़ी रोपवे परियोजनाओं में से एक जोशीमठ-औली रोपवे पिछले 10 दिनों से बंद है.
डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार, राहत और बचाव अभियान जारी है. कुछ स्थानों पर दरारों में लगभग 1 मिमी की वृद्धि हुई है लेकिन हम निगरानी कर रहे हैं. भूवैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ मिलकर हम ऐसा पैटर्न खोज रहे हैं, जिससे भविष्य में कोई नुकसान न हो. राज्य और केंद्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास कर रही हैं. टीमें जांच के लिए पहुंच गई हैं और अब उनकी रिसर्च बताएगी कि भू-धंसाव और दरारों के पीछे क्या कारण है? इसके बाद ही आगे कि अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
Joshimath Sinking: NGRI कर रहा स्थिति का अध्ययन
प्रभावित क्षेत्र का अध्ययन राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) हैदराबाद द्वारा किया जा रहा है. संस्थान द्वारा जोशीमठ में अंडर ग्राउंड वाटर चैनल का अध्ययन किया जा रहा है. अध्ययन के बाद NGRI जियोफिजिकल और हाइड्रोलॉजिकल मैप जारी किया जाएगा.