Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का नाम सामने आया है. ED चार्जशीट में कहा गया है कि, मनीष सिसोदिया के आवास पर राघव चड्ढा और विजय नायर के बीच बैठक हुई थी.
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क || दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Liquor Policy Case) में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नए और बड़े नेता का सामने आया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में राघव चड्ढा (Raghav Chadha) का नाम शामिल किया है. AAP के दो बड़े नेताओं मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) का नाम पहले से ही इस चार्जशीट में शामिल है.
ED ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कहा कि, “AAP सांसद राघव चड्ढा, पंजाब सरकार के ACS वित्त, आबकारी आयुक्त, वरुण रूजम, FCT और पंजाब आबकारी के अधिकारी विजय नायर के बीच तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास पर मीटिंग हुई थी.”
इससे पहले फरवरी महीने में CBI ने दिल्ली आबकारी नीति मामले कथित संलिप्तता के कारण दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को IPC की धारा 120-B (आपराधिक साजिश), 477-A (धोखाधड़ी करने का इरादा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत गिरफ्तार किया गया था. शनिवार को ED द्वारा दर्ज इसी मामले में कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 8 मई तक बढ़ा दिया था.
इस कथित मामले में CBI ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से 16 अप्रैल को 9 घंटे तक पूछताछ की थी. पूछताछ के बाद केजरीवाल ने कहा था कि, “यह पूरा मामला फर्जी है और गंदी राजनीति से प्रेरित है. आम आदमी पार्टी एक कट्टर ईमानदार पार्टी है और हम मर जाएंगे लेकिन ईमानदारी से समझौता नहीं करेंगे.
Delhi Liquor Policy Case: आखिर क्या है शराब घोटाला मामला?
17 नवंबर 2021 दिल्ली राज्य सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी लागू (new excise policy) की थी. इस नई पॉलिसी को लागू करने के पीछे केजरीवाल सरकार (Kejriwal government) ने माफिया राज खत्म करने और राजस्व में इजाफे का तर्क दिया था, लेकिन हुआ इसका उल्टा. सरकार को राजस्व (revenue) का नुकसान हुआ.
जिसके बाद जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने LG वीके सक्सेना (Delhi LG VK Saxena) को रिपोर्ट सौंपी थी. जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था. वहीं LG ने मामले की जांच CBI से कराने की सिफारिश की थी. इसके बाद 17 अगस्त 2022 को CBI ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. CBI ने इस मामले में तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सहित 5 लोगों को आरोपी बनाया गया था.