Indian Air Force Day: 8 अक्टूबर 2022 को भारत अपना 90वां एयरफोर्स डे मानने जा रहा है. क्या आपने कभी जानने की कोशिश कि, भारत 8 अक्टूबर को ही एयरफोर्स डे क्यों मनाया जाता है. अगर नहीं तो आइए जानते हैं इंडियन एयरफोर्स डे से जुड़ा इतिहास..
नई दिल्ली, डेस्क || दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वायु सेना (WDMMA के अनुसार) यानी इंडियन एयरफोर्स 8 अक्टूबर 2022 को अपना 90वां एयरफोर्स डे मानने वाली है. भारतीय वायु सेना कई दशक तक पालम पर एयरफोर्स डे परेड का आयोजन किया जाता था. लेकिन 2006 से इस मुख्य कार्यक्रम को हिंडन वायु सेना बेस, गाजियाबाद शिफ्ट कर दिया गया. अब यानी 2022 से एअरफोर्स डे परेड और फ्लाईपास्ट को चंडीगढ़ आयोजित किया जाएगा. नई दिल्ली मुख्यालय वाली इंडियन एयरफोर्स का सर्वोच्च कमांडर भारत के राष्ट्रपति होते हैं. इंडियन एयरफोर्स संयुक्त राष्ट्र (UN) शांति मिशन के लिए भी काम करती हैं. एयरफोर्स के आदर्श वाक्य ‘टच द स्काई विद ग्लोरी’ हैं जिसे श्रीमद्भगवद्गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है.
ब्रिटिश इंडियन सरकार ने 8 अक्टूबर 1932 को ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स के सहायक बल के रूप में भारतीय वायु सेना की स्थापना की थी. जिसके कारण हर साल 8 अक्टूबर को वायु सेना इंडियन एयरफोर्स डे मनाती है. भारतीय वायु सेना ने अपनी स्थापना के लगभग 7 महीने बाद अप्रैल 1993 में ऑपरेशनल स्क्वाड्रन यानी अपनी पहली उड़ान भरी थी. द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने के बाद वायु सेना का नाम रॉयल इंडियन एयर फोर्स कर दिया गया.
INDIAN Air Force Day का इतिहास
भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को ब्रिटेन रॉयल एयरफोर्स के सहायक बल के रूप में की गई थी. लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध (2nd World War) के बाद से भारतीय वायु सेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (Royal Indian AirForce) के नाम से जाना जाने लगा. 1950 में गणतंत्र देश घोषित (संविधान लागू) होने के बाद वायु सेना से रॉयल हटा दिया गया था.
वहीं भारतीय वायु सेना को 5 ऑपरेशनल और 2 फंक्शनल कमांड में बांटा है. प्रत्येक कमांड की निगरानी एयर मार्शल के रैंक के साथ-साथ एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा की जाती है. 1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय वायु सेना की भूमिका को मील का पत्थर माना जाता है.
स्वतंत्रता के बाद से भारतीय वायु सेना ने अभी तक पाकिस्तान के साथ 4 और चीन के साथ एक युद्ध में भाग लिया है. इसके अलावा IAF भारत में आने वाली सुनामी और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत कार्य करती हैं. वहीं अगर विदेश की बात करे तो, वायु सेना ने श्रीलंका में ऑपरेशन रेनबो और अन्य कई राहत मिशनों में हिस्सा लिया है.