नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क || सनातन धर्म के 18 प्रमुख पराणों में एक गरुड़ पुराण (Garuda Purana) बताता है कि, इंसान को अपने कर्मों के अनुसार फल अवश्य भोगना पड़ता है. आपको बता दे, इस पुराण के प्रमुख देवता श्री भगवान विष्णु हैं. गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु और उनके वाहन श्री गरुड़ देव की वार्ता का वर्णन किया गया है. श्री गरुड़ पुराण में बताया गया है कि, व्यक्ति के अपने जीवन के लिए स्वंय जिम्मेदार होता है.
इस पुराण (Garuda Purana) में कुछ ऐसी आदतों का वर्णन मिलता है, जिनके कारण व्यक्ति स्वयं ही अपनी आयु कम कर लेता है. अगर आप भी अपनी भलाई चाहते हैं तो तुरंत ही इन आदतों को छोड़ दे. आइए जानते हैं उन्हीं में से कुछ आदतों के बारे में..
सूर्य को देखना
गरुड़ पुराण के अनुसार, खुली आंखों से सूर्य भगवान को देखने से आयु में कमी आती है. वहीं सूर्य ग्रहण के वक्त खुली आंखों से सूरज को देखने के लिए सख्त मना किया जाता है. ऐसा करने से आपकी आयु पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है.
ऐसा रास्ता न अपनाएं
जो व्यक्ति गलत काम का परिणाम जानते हुए भी गलत रास्ता अपनाता या काम करता है, तो वह दंड का भागी होता है. वहीं महिलाओं, बच्चों और मानवता के प्रति में गलत विचार रखने वाले लोगों की आयु भी कम होती हैं.
इन लोगों का कभी अपमान न करें
गरुण पुराण के अनुसार, जो इंसान बड़ों का आदर-सम्मान नहीं करता या जानबूझकर उनका अपमान करता है. ऐसा व्यक्ति अल्प आयु प्राप्त करता है. इसके अलावा कभी भी दिव्यांगजनों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए.
सोने का सही तरीका
गरुण पुराण में वर्णित है कि, गलत दिशा (दक्षिण या दक्षिण पश्चिम दिशा) की तरफ सिर करके सोने से भी व्यक्ति की आयु कम होती है. वहीं जब आप कमरे में घुसे हैं तो उसमें हल्की-सी रोशनी अवश्य होनी चाहिए. लेकिन बिस्तर पर लेटने के बाद कमरे में पूर्ण अंधेरा होना चाहिए. जबकि व्यक्ति को टूटे हुए बिस्तर पर भी सोने से मना किया गया हैं.
नास्तिक जीवन जीना
जो व्यक्ति ईश्वर पर विश्वास नहीं रखता या धर्म के मार्ग पर नहीं चलता उस व्यक्ति की भी उम्र कम होती है. ईश्वर पर विश्वास न करने का अर्थ है मानवता पर विश्वास न करना.
इस दिन जरूर करें ब्रह्मचर्य का पालन
गरुड़ पुराण के अनुसार, कृष्ण चतुर्दशी, हर माह की अष्टमी, अमावस्या और पूर्णिमा को ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करना जरूरी है.
Disclaimer : इस लेख को केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है, अर्थात हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है. हम कोई पुराणों के ज्ञाता नहीं है, इसलिए किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की होगी.