Maha Shivratri 2024 Date: हर साल की इस बार भी फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा. ऐसा माना जाता है इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. आइए जानते हैं 2024 में महाशिवरात्रि की तारीख, मुहूर्त और पूजन विधि..
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क || Mahashivratri Kab Hai 2024: हिंदू पंचाग के अनुसार, एक साल में 2 बार महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता हैं. एक फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को और दूसरी सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती हैं. इस बार साल 2024 का पहला महाशिवरात्रि पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा. मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती की कठोर तपस्या के बाद इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का ब्याह हुआ था. इसलिए इस दिन महादेव भगवान शिव और आदिशक्ति मां पार्वती का पूजन किया जाता हैं. इस दिन इस व्रत रखने और पूजा पाठ करने से विवाहित लोगों को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और अविवाहितों की जल्दी शादी होने के योग बनते हैं. आइए जानते हैं महाशिवरात्रि की सही तारीख, शुभ महूर्त और पूजा विधि-
Maha Shivratri 2024 Date: महाशिवरात्रि की तारीख
हिंदू धार्मिक पंचांग के मुताबिक, इस वर्ष फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च को रात में 9 बजकर 57 मिनट से शुरू होकर 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी. हालांकि प्रदोष काल में ही भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है इसलिए 8 मार्च को ही महाशिवरात्रि मनाई जाएगी.
Maha Shivratri 2024: महाशिवरात्रि व्रत की पूजन विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर, भगवान शिव और माता पार्वती को प्रणाम कर पूजा का संकल्प लें.
- इसके बाद गंगा जल मिलाकर पानी से स्नान करें.
- स्नान के बाद नए कपड़े पहने और फिर भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दें.
- इसके बाद कपड़ा बिछाकर माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें और कच्चे दूध या गंगाजल से भगवान उमा पति महादेव शिव का अभिषेक करें.
- तत्पश्चात बेल पत्र, भांग, धतूरा, मदार के पत्ते, फल, नैवेद्य, फूल आदि भगवान शिव को करें.
- इसके बाद साथ ही शिव चालीसा, शिव स्त्रोत, शिव तांडव और अन्य शिव मंत्रो का जाप करें.
- अगले दिन सामान्य पूजा पाठ के बाद अपना महाशिवरात्रि का व्रत खोलें.
भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए भक्त महाशिवरात्रि के दिन आप महामंत्र ॐ नम: शिवाय का जप कर सकते हैं.
Maha Shivratri: क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि
दो प्रमुख कारणों की वजह से फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता हैं. पहली मान्यता है कि, इस दिन ब्रह्माण्ड के सबसे बड़े योगी देवों के दिन महादेव ने गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था यानी इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. दूसरी मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में पहली बार प्रकट हुए थे. इस दिन शिव जी और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से सभी संकट कट जाते हैं.
|| ॐ नमः पार्वती पतये, हर-हर महादेव ||
Disclaimer: यह आर्टिकल केवल पंचांग, मान्यताओं, जानकारियों और ज्योतिष गणना पर आधारित है. sptvnews.com का उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, जानकारी पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.
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