Morbi Bridge: मोरबी में ब्रिज टूटने से 140 लोगों की मौत,  पिछले 12 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

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Morbi Bridge Collapse: मोरबी में 143 साल पुराना केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने टूटने से 140 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. वहीं अभी तक 170 लोगों को रेस्क्यू किया गया है.

Gujarat Morbi Cable Bridge Collapse-109

नई दिल्ली || गुजरात के मोरबी में रविवार शाम बड़ा हादसा देखने को मिला है. यहां मच्छू नदी पर बने केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने (Morbi Bridge Collapse) से लगभग 400 लोग नदी में जा गिरे. इस हादसे के कारण अभी तक 140 लोगों की मौत हो चुकी है, मृतकों की संख्या ओर भी बढ़ सकती है. मरने वालों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल है. वहीं अभी तक रेस्क्यू टीमों द्वारा 170 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. प्रशासन ने घायलों के इलाज के लिए मोरबी और राजकोट हॉस्पिटल में इमरजेंसी वार्ड बनाया दिया है.

यह हादसा रविवार शाम करीब 6.30 बजे के आसपास हुआ है. जानकारी के अनुसार, यह सस्पेंशन ब्रिज पिछले 6 महीने से बंद था. इस दौरान 2 करोड़ से अधिक की लागत से ब्रिज की मरम्मत का काम पूरा हुआ था. बीते 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था और 29 अक्टूबर को यह दर्दनाक हादसा हो गया. जिला प्रशासन ने पीड़ितों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर: 02822243300 जारी किया है. वहीं इस हादसे में राजकोट से BJP सांसद मोहन कुंदरिया के परिवार के 12 लोगों की मृत्यु हो गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और अन्य कई नेताओं ने इस हादसे पर दुःख जताया है. वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने PMNRF से मृतकों के आश्रितों को 2 लाख रूपए और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायताराशि देने की घोषणा की है. इसके अलावा गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने मृतकों के आश्रितों को 4 लाख रूपये और घायलों को 50 हजार देने का ऐलान किया है.

Morbi Bridge Collapse: क्षमता से ज्यादा लोगों के जमा होने से हुआ हादसा

नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, यह हादसा क्षमता से अधिक लोगों के जमा होने के कारण हुआ है. नगर निगम के मुताबिक, ब्रिज (Morbi Bridge Collapse) की क्षमता केवल 100 लोगों की है, लेकिन रविवार के कारण हादसे के समय ब्रिज पर 400 से 500 लोग मौजूद थे.

ऐतिहासिक धरोहर है यह सस्पेंशन ब्रिज

यह सस्पेंशन ब्रिज लगभग 143 साल पुराना है, जबकि इस ब्रिज लगभग 765 फुट लंबा है. मोरबी सस्पेंशन ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई (बंबई) के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था. उस व्यक्त इस ब्रिज (Morbi Bridge) को बनाने में लगभग 3.5 लाख का खर्च आया था. वहीं उस व्यक्त के मोरबी के राजा प्रजावत्स्ल्य सर वाघजी ठाकोर इस ब्रिज से राज दरबार जाते थे. लकड़ी और तारों से बना यह मोरबी ब्रिज लगभग 233 मीटर लंबा और 4.6 फीट चौड़ा है.

इस घटना के बाद ब्रिज (Morbi Bridge Collapse) का मेंटेनेस देखने वाली कंपनी के खिलाफ गैरइरादत हत्या का केस दर्ज किया गया है. वहीं कांग्रेस ने BJP पर आरोप लगाया कि, गुजरात चुनावों (Gujarat Election/Bypoll) को देखते हुए सरकार ने जल्दबाजी में इस ब्रिज को लोगों के लिए खोल दिया.

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