Bhopal Gas Victims: सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस पीड़ितों को 7800 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. केंद्र सरकार ने 2010 में मुआवजा दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी.
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क || मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस पीड़ितों (Bhopal Gas Victims) को अतिरिक्त मुआवजा दिलाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. केंद्र सरकार ने कोर्ट में यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन और उसकी फर्माें से अतिरिक्त मुआवजा दिलाने देने के लिए याचिका दायर की थी. 2010 में केंद्र सरकार ने क्यूरेटिव पिटीशन (curative petition) के जरिए डाउ कैमिकल्स (Dow Chemicals) से 7800 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की अपील की थी.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र की पिटीशन पर 12 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था. केंद्र सरकार ने कहा था कि, “हम पीड़ित लोगों को अधर में नहीं छोड़ सकते है.”
जानकारी के मुताबिक, 2 और 3 दिसंबर 1984 की रात को हुए इस हादसे में लगभग 3700 लोग की मौत हो गई थी. केंद्र ने मुआवजे की इस राशि की मांग यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन को खरीदने वाली फर्म से की थी. आपको बता दें, गैस कांड के बाद कंपनी ने पीड़ितों को 470 मिलियन डॉलर (लगभग 715 करोड़ रूपये) का मुआवजा दिया था.
जबकि रिपोर्ट्स का कहना है कि, “1997 में मौत के दावों का रजिस्ट्रेशन रोकने के बाद सरकार ने कोर्ट को बताया था कि, हादसे में केवल 5,295 लोग मारे गए है. लेकिन आधिकारिक रिकॉर्ड बताते है कि, आपदा की वजह से हुई बीमारियों से हजारों लोग मरते रहे हैं. जिसकी वजह से मौतों का असली आंकड़ा 25 हजार से भी ज्यादा है.”
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, “यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन पर मुआवजे का बोझ नहीं डाला जा सकता है. पीड़ितों को पहले ही नुकसान की तुलना में लगभग 6 गुना ज्यादा मुआवजा दिया जा चुका है.” जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस जेके माहेश्वरी, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि, “केस दोबारा खोलने से पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ेंगी.