Unified Lending Interface: लोन सेक्टर में काम को आसान बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ULI योजना को जल्द ही लॉन्च कर सकता है. इसकी पायलट परियोजना की शुरुआत RBI ने पिछले साल ही कर दी थी.
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क || Unified Lending Interface: यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का डंका बजाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लोन सेक्टर में क्रांति लाने का काम करने जा रहा है. इस कड़ी में भारतीय रिजर्व बैंक यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस यानी ULI लॉन्च करने की तैयारी में है. रिपोर्ट्स का कहना है कि, RBI की इस परियोजना से लोन लेना ज्यादा आसान हो जाएगा. सोमवार को एक कार्यक्रम में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने इस बारे में मीडिया की जानकारी शेयर की है और इससे फायदों के बारे में बताया है?
लोन सेक्टर के काम को आसान बनाने के लिए RBI पिछले साल इस प्रोग्राम की पायलट परियोजना को शुरु किया था. लेकिन अब RBI ने इसे जल्द से जल्द लॉन्च करने की योजना बना ली है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस प्लेटफॉर्म को छोटे और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए आसानी से और जल्दी से कर्ज लेने के लिए बनाया जा रहा है. RBI को उम्मीद है की जैसे पेमेंट सिस्टम में UPI के बाद क्रांति देखी गई थीं. वैसे ही ULI के बाद लोन सेक्टर में बदलाव देखने को मिलेगा.
RBI गवर्नर के अनुसार, ULI बैंकिंग के डिजिटलीकरण का हिस्सा है. डिजिटल सेवा होने के कारण जल्द ही E-KYC, लैंड रिकॉर्ड, पैन और अकाउंट से संबंधित जरूरी जानकारियां उपलब्ध हो जाएगी. इसके अलावा लोन अप्लाई करने वालों को ज्यादा डॉक्युमेंट्स देने की जरूरत नहीं होगी. झंझट कम होने के कारण उन्हें आसानी से कर्ज मिलेगा. RBI Governor का कहना है कि, “जनधन-आधार (Jandhan-Aadhaar), यूपीआई (UPI) और यूएलआई (ULI) देश के फाइनेंशियल सेक्टर में बड़ा बदलाव करने वाली है.”
आज के डिजिटल युग में फटाफट यानी इंस्टेंट लोन लेने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिसके कारण पर्सनल लोन बांटने वाले सैकड़ों ऐप आ गए हैं, जो कुछ ही मिनटों में लोगों को इंस्टेंट लोन देते हैं. इसकी वजह से बहुत से लोग कर्ज के जाल में फंसते जा रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है, RBI ULI इन ऐप्स पर लगाम लगाने में मददगार साबित होगा.
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