INDIAN Intelligence Agencies: जिनका लक्ष्य भारत की आंतरिक और बाहरी खतरों से रक्षा करना

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नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क || INDIAN Intelligence Agencies: खुफिया एजेंसी किसी भी देश की आंतरिक और बाहरी दोनों सुरक्षा सुनिश्चित करने और शीर्ष स्तर की खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए जिम्मेदार होती है. जैसा ही नाम से स्पष्ट है, ये एजेंसियां भारत (INDIAN Intelligence Agencies) से संबंधित है. भारतीय खुफिया एजेंसी का एक प्रमुख कार्य आतंकवाद विरोधी कार्यों को संचालन करना भी है. खुफिया एजेंसियां ​​देश में होने वाले किसी भी तरह के खतरे को टालने के लिए जिम्मेदार होती हैं. वैसे तो भारत में कई सारी एजेंसियां है, लेकिन हम आज टॉप 5 खुफिया एजेंसियों के बारे में जानने वाले है. ये एजेंसियां (INDIAN Intelligence Agencies) ​​विभिन्न सरकारी मंत्रालयों और विभागों की देखरेख में काम करती हैं और देश सुरक्षा के लिए खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और उसका विश्लेषण करने के लिए एक दूसरे के साथ और विदेशी खुफिया एजेंसियों का सहयोग करती हैं.

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रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW)

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) भारत की सबसे बड़ी विदेशी खुफिया एजेंसी है. इसकी स्थापना 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद 1968 में की गई थी. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा का समर्थन करने के लिए विदेशी खुफिया जानकारी एकत्र करना और उनका विश्लेषण करना है. RAW का सबसे पहला मिशन भारत सरकार को विदेशों में सैन्य, राजनीतिक, आर्थिक और अन्य जानकारी प्रदान करना है. इसके अलावा रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) भारत के हितों की रक्षा के लिए विदेशों में जासूसी सहित कई अन्य योजनाओं का संचालन करता है. RAW अन्य भारतीय और विदेशी खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर काम करता है. दुनिया के लगभग सभी देशों में RAW के एजेंट और कार्यालय मौजुद है.

RAW कई हाई-प्रोफाइल ऑपरेशनों जैसे- पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम पर जानकारी एकत्र करने और भारत में सक्रिय आतंकवादी समूहों की निगरानी करने में शामिल है. RAW का कार्य और संचालन बेहद ही गोपनीय तरीके से किया जाता है. लेकिन अन्य देशों में अलगाववादी आंदोलनों के समर्थन सहित कई विवादास्पद गतिविधियों में शामिल होने के लिए RAW की आलोचना की जाती है.

इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB)

इंटेलिजेंस ब्यूरो 1887 में स्थापित भारत की आंतरिक खुफिया एजेंसी है. इसका मुख्य मिशन आंतरिक खतरों को रोकने के लिए देश के भीतर खुफिया जानकारी इकट्ठा करना और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करना है. इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) राजनीतिक, आर्थिक, आतंकवादी गतिविधियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के अन्य खतरों सहित कई मुद्दों पर खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए जिम्मेदार है. IB महत्वपूर्ण घटनाओं और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की यात्राओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था में मदद करती है. वहीं IB अन्य खुफिया एजेंसियों के साथ-साथ राज्य पुलिस बलों के साथ मिलकर काम करती है. एजेंसी के पास एक नेटवर्क है जो मानव खुफिया, तकनीकी खुफिया और खुले स्रोतों सहित अन्य स्रोतों से खुफिया जानकारी एकत्र करता है.

इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) कई हाई-प्रोफाइल खुफिया अभियानों में है, जिसमें आतंकवादी गतिविधियों पर नज़र और राजनीतिक अशांति की रोकथाम शामिल है. हालांकि कई बार घरेलू निगरानी में कथित संलिप्तता और भारतीय नागरिकों की गोपनीयता का उल्लंघन करने के लिए एजेंसी की आलोचना भी हुई है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)

आतंकवाद और अन्य गंभीर मामलों की जांच और रोकथाम के लिए भारत सरकार ने 2008 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की स्थापना की थी. नई दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी का मुख्यालय है और देश के अलग-अलग शहरों में इसके शाखा कार्यालय हैं. NIA के पास राज्य पुलिस बल या अन्य जांच एजेंसियों से मानव तस्करी, आतंकवाद और साइबर अपराध से संबंधित किसी भी अनुसूचित अपराध की जांच करने की शक्ति है. इसके अलावा NIA अन्य कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों के साथ खुफिया जानकारी एवं समन्वय स्थापित करने के लिए भी जिम्मेदार है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी में जांच, फोरेंसिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित अनेक क्षेत्रों में विशेषज्ञता वाले अधिकारी शामिल हैं. NIA अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ भी साझेदारी स्थापित करती है. स्थापना के बाद से, NIA ने 2008 मुंबई आतंकवादी हमलों, 2019 के पुलवामा हमले और 2011 के दिल्ली हाईकोर्ट बम विस्फोट सहित कई प्रोफाइल मामलों की जांच और समाधान किया है.

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI)

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) 1963 में स्थापित भारत की प्रमुख जांच एजेंसी है. यह एक स्वतंत्र एजेंसी है जो कार्मिक, पेंशन मंत्रालय और लोक शिकायत के अधिकार क्षेत्र में काम करती है. CBI की प्राथमिक जिम्मेदारी उन बड़े अपराधों की जांच करना है जिनमें आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार के मामले शामिल हैं. CBI के लिए जांचकर्ता, फोरेंसिक विशेषज्ञ और कानूनी पेशेवर का विशेष कार्यबल काम करता है. सीबीआई का मुख्य कार्यालय राजधानी दिल्ली में है, इसके अलावा प्रमुख शहरों में शाखा कार्यालय और कई देशों में संपर्क कार्यालय भी है.

CBI स्वयं मामलों की जांच कर सकती है और उन मामलों की जांच कर सकती है जो राज्य सरकारों या अदालतों द्वारा सौंपे जाते हैं. CBI के पास गंभीर अपराध करने के संदेह में व्यक्तियों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने की शक्ति है. एजेंसी अदालत में व्यक्तियों के खिलाफ आरोप भी दायर कर सकती है. सीबीआई कई हाई-प्रोफाइल जांचों में शामिल रही है, जिसमें:- 2G स्पेक्ट्रम घोटाला, व्यापमं घोटाला और बोफोर्स घोटाला शामिल है.

स्वतंत्रता की कथित कमी और राजनीतिक दबावों से प्रभावित होने के लिए भी CBI की आलोचना होती रही है. वहीं मई, 2021 में मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने सीबीआई को ‘पिंजरे में बंद तोता’ कहा था.

राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO)

NTRO भारत की एक प्रमुख तकनीकी खुफिया एजेंसी है जिसे 2004 में स्थापित किया गया था. राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) की देखरेख में काम करती है. NTRO का मुख्य उद्देश्य जासूसी, आतंकवाद और साइबर हमलों सहित सुरक्षा के लिए खतरों का मुकाबला करने के लिए तकनीकी जानकारी प्रदान करना है. एजेंसी के पास संचार इंटरसेप्शन, सैटेलाइट इमेजिंग और साइबर इंटेलिजेंस सहित अन्य क्षेत्रों में विशेष क्षमताएं हैं. राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO) देश की खुफिया जानकारी एकत्र करने की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नई तकनीकों व क्षमताओं को विकसित करने और उन्हें तैनात करने के लिए जिम्मेदार है.

NTRO कई हाई-प्रोफाइल ऑपरेशनों में शामिल रहा है जिसमें आतंकवादी गतिविधियों पर नज़र रखना और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर साइबर हमलों की रोकथाम शामिल है. पारदर्शिता की कमी और घरेलू निगरानी गतिविधियों में कथित रूप से शामिल होने के लिए भी एजेंसी की आलोचना की गई है. राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO) को राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने और 21वीं सदी में उभरते खतरों का मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया था.

राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI)

DRI ऐसी खुफिया एजेंसी (Indian Intelligence Agencies) है जो तस्करी और संबंधित अपराधों से निपटने के लिए जिम्मेदार है. राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) भारत और बाहर तस्करी एवं संबंधित गतिविधियों में लगे व्यक्तियों और समूहों पर खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए जिम्मेदार है. एजेंसी तस्करों और अन्य अपराधियों की पहचान करने और उन्हें ट्रैक करने के लिए निगरानी, ​​​​खुफिया जानकारी एकत्र करना और तकनीकों का उपयोग करती है. DRI तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों से निपटने के लिए अन्य एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर काम करता है.

राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने अपनी क्षमताओं को बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए इंटरपोल, विश्व सीमा शुल्क संगठन और UN कार्यालय (ड्रग्स और अपराध पर) से संगठनों के साथ साझेदारी स्थापित की है. DRI कई हाई-प्रोफाइल मामलों में शामिल रहा है, जिनमें ड्रग्स और वर्जित सामान की जब्ती, वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का पता लगाना शामिल है.

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