आज के दिन सन् 1967 में भारत की एकमात्र एयरफोर्स एकेडमी (Air Force Academy Dundigal) की स्थापना की गई थीं. यहां ग्राउंड ड्यूटी, उड़ान, तकनीकी और इंडियन नेवी कैडेट्स को प्रशिक्षण दिया जाता हैं. कैडेट्स यहां तक पहुंचने के लिए NDA से ग्रेजुएशन पास करनी होगी.
डेस्क || हैदराबाद से 43 किलोमीटर दूर मेडचल-मलकजगिरी जिले के डुंडीगल में भारत की एकमात्र एयरफोर्स एकेडमी (Air Force Academy Dundigal) है. 11 अक्टूबर को 1967 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ने इस एकेडमी की नींव रखी थी. किसी भी वायुसेना कैडेट्स यहां तक पहुंचने के लिए NDA से ग्रेजुएशन पास करनी होगी. भारत सरकार ने 1969 में कैडेटों को प्रशिक्षित करने के लिए की इसकी स्थापना की थी. लेकिन 7,050 एकड़ में फैली इस एकेडमी का संचालन 1971 में शुरू हुआ था. डुंडीगल एकेडमी में वायुसेना के ग्राउंड ड्यूटी, उड़ान, तकनीकी के अलावा भारतीय नौसेना (Indian Navy) और भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है. यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद कैडेट इंडियन एयरफोर्स (Indian Airforce) की ब्रांचों में कमीशन प्राप्त करते हैं.
बात दें, एयर कमोडोर JD एक्विनो डुंडीगल एयरफोर्स एकेडमी के पहले कमांडेंट थे. भारत सरकार ने पहली बार जून 1993 में भारतीय वायुसेना में महिला कैडेटों के शामिल होने के साथ ही यहां भी महिला कैडेटों की ट्रेनिंग शुरू हो गई. 2016 में पहली बार बार महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनि चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह को फाइटर पायलट कमीशन मिलने के बाद डुंडीगल एकेडमी एक बार फिर चर्चा में आ गई थी.
अभी इस एयरफोर्स एकेडमी के सेनानायक एयर मार्शल बी चंद्रशेखर (Air Marshal B Chandrashekhar) है. B.चंद्रशेखर को 21 दिसंबर 1984 को एयरफोर्स की उड़ान शाखा में कमीशन मिला था. डुंडीगल वायुसेना एकेडमी का आदर्श वाक्य “श्रम से सिद्धि” (Achievement Through Diligence) है.
प्रशिक्षण
अकादमी में पायलटों को अलग-अलग चरणों में विमान उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाता है. लड़ाकू विमान पायलट पास आउट कैडेटों को राफेल, सुखोई-30MKI, तेजस जैसे फ्रंट-लाइन लड़ाकू स्क्वाड्रनों का प्रशिक्षण दिया था. जबकि परिवहन विमानों में इच्छा रखने वाले कैडेटों को IAF HS 748, C-17 ग्लोबमास्टर III, मल्टी रोल An-32 और डोर्नियर 228 लाइट यूटिलिटी जैसे विमानों का प्रशिक्षण दिया था.
वहीं हेलीकॉप्टर बेड़े में शामिल होने वालों को AH-64 अपाचे, MI-26 जैसे कई हेलीकॉप्टर को उड़ाना और उतरना सिखाया जाता है. जबकि डुंडीगल एयरफोर्स एकेडमी में कैडेट्स को एयर कंट्रोलिंग, मौसम विज्ञान, प्रशासनिक, लॉजिस्टिक्स और अकाउंट्स जैसी ब्रांच की ट्रेनिंग भी दी जाती है. इसके अलावा भारत के मित्र देशों के देशों के ऑफिसर्स भी यहां पर ट्रेनिंग दी जाती हैं.