विश्व के लगभग 150 देश आज विश्व डाक दिवस (World Post Day 2022) मना रहे है. इसकी थीम पर्यावरण संरक्षण पर आधारित ‘पोस्ट फॉर प्लैनेट’ रखी गई है.
इंटरनेट के इस दौर में आज यानी 9 अक्टूबर को पूरी दुनिया के लगभग 150 देश विश्व डाक दिवस (World Post Day 2022) मना रहे है. वहीं भारत में इस दौरान 9 से 15 अक्टूबर तक डाक सप्ताह (Postal week) मनाया जाएगा. इसका प्रमुख उद्देश्य युवाओं को डाक सेवा सेवा के प्रति जागरूक करना है. स्विट्जरलैंड में 9 अक्टूबर 1874 को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की स्थापना की गई थी. इसकी स्थापना डाक सेवाओं को कुशल और प्रभावी बनाने के लिए की गई थी. 148 साल पुरानी इस संस्था के स्थापना दिवस को विश्व डाक दिवस (World Post Day) के रूप में मनाया जाता है. इस साल ‘वर्ल्ड पोस्ट डे’ की थीम पर्यावरण संरक्षण पर आधारित ‘पोस्ट फॉर प्लैनेट’ रखी गई है.
विश्व डाक दिवस (World Post Day) का इतिहास
9 अक्टूबर 1874 को स्विट्जरलैंड की कैपिटल बर्न में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के 95 साल बाद 1969 में UPU के टोक्यो सम्मेलन में इस दिन को विश्व डाक दिवस (World Post Day 2022) के रूप में मनाने की घोषणा हुई.
1600 के आसपास कई देशों में राष्ट्रीय स्तर पर डाक व्यवस्था शुरू हो चुकी थी. लेकिन 1800 के अंत तक यह एक वैश्विक डाक सेवा बन चुकी थी, परंतु यह धीमी और जटिलता से कार्य करती थी. 1874 में UPU के जन्म ने विश्व डाक सेवा के कुशल रास्तों को खोल दिया था. भारत यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन सदस्यता ग्रहण करने वाला एशियाई देश था.
भारतीय में डाक का इतिहास
इंडिया पोस्ट भारत सरकार के संचार मंत्रालय के डाक विभाग का हिस्सा है. 1766 में भारत में वारेन हेस्टिंग्स के सुझाव पर ‘कंपनी मेल’ के नाम से इसकी शुरुआत हुई थी. लेकिन 1854 में लॉर्ड डलहौजी ने भारतीय डाक सेवाओं को संशोधित किया और डाकघर अधिनियम 1837 में काफी सुधार करते हुए भारत डाकघर अधिनियम 1854 को पारित किया. जिसके कारण भारत में नियमित डाकघरों की शुरुआत हो सकी.
आज भारतीय डाक विभाग नागरिकों को पोस्ट पहुंचाने, मनी ऑर्डर द्वारा पैसे भेजने के अलावा लघु बचत योजनाओं के तहत जमा स्वीकार करने, डाक जीवन बीमा और ग्रामण डाक जीवन बीमा और बिल संग्रह जैसी अनेक सेवाएं प्रदान करता है. भारत में दुनिया का सबसे बड़ा डाकघर नेटवर्क है. मार्च 2017 तक भारत में डाकघरों की कुल संख्या 154,965 थी.
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